यूपी में बसपा और सपा गठबंधन का ऐलान

जनवाद टाइम्स : महेंद्र कुमार निगम


12 जनवरी को लखनऊ के ताज होटल में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के द्वारा संयुक्त रूप से बसपा और सपा गठबंधन का ऐलान किया गया. इस प्रेस वार्ता में सर्वप्रथम सुश्री मायावती ने बसपा को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के आदर्शो पर चलने वाली पार्टी बताएं. बसपा और सपा का प्रथम गठबंधन 1993 मान्यवर कांशी राम और माननीय मुलायम सिंह के नेतृत्व में किया गया था. सुश्री मायावती जी ने भारतीय जनता पार्टी को सांप्रदायिक पार्टी बताया. मायावती जी ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को गुरु और चेले बता कर उन पर तीखा प्रहार किया. मायावती ने यह भी बताया कि बहुजन समाजवादी पार्टी 2 जून 1995 गेस्ट हाउस को भुला कर देश हित व जनहित को ध्यान में रखते हुए यह गठबंधन करने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी लोहिया जी के आदर्शो पर चलने वाली पार्टी है. उन्होंने यह भी बताया कि बसपा और सपा का गठबंधन सर्व समाज का गठबंधन है जो 2019 के लिए राजनीतिक क्रांति का संदेश है. इस राजनीतिक संदेश से देश और समाज की उम्मीदें बढ़ गई हैं. बसपा और सपा को उन्होंने SC ST OBC अल्पसंख्यक समाज छोटे उद्योग में लगे लोगों किसान मजदूरों मुस्लिम के हित को ध्यान में रखते हुए गठबंधन का ऐलान किया.उन्होंने कहा कि आम जनता नोटबंदी और जीएसटी से परेशान है. कांग्रेस से करने के उत्तर में मायावती ने बताया कि कांग्रेस से गठबंधन करने पर बसपा और सपा को कोई राजनीतिक फायदा होने वाला नहीं है; क्योंकि बसपा का वोट तो उस पार्टी के लिए आसानी से परिवर्तित हो जाता है जिससे वह गठबंधन करती है लेकिन गठबंधन करने वाली पार्टी वोट बसपा को नहीं ट्रांसफर होता. मायावती ने आज की स्थिति 1970 के समान अघोषित आपातकाल की स्थिति बताया. उन्होंने बताया कि यदि बीजेपी वोटिंग मशीनरी का प्रयोग नहीं करेगी तो यह गठबंधन अवश्य ही सफल होगा. उन्होंने यह भी बताया कि इस गठबंधन की रूपरेखा 4 जनवरी को दिल्ली में ही तैयार कर ली गई थी जिसके कारण ही बीजेपी ने माननीय अखिलेश जी को सीबीआई का डर पैदा किया. उन्होंने शिवपाल की पार्टी को बीजेपी की एक राजनीतिक साजिश बताया. गठबंधन के स्पष्टीकरण में कुल 80 सीटों में 38 बहुजन समाजवादी पार्टी व 38 समाजवादी पार्टी 02 अन्य पार्टी तथा अमेठी और रायबरेली सीट को कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ दिया है

         प्रेस वार्ता में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुश्री मायावती को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बीजेपी की नीतियों से देश की आम जनता दलित शोषित पीड़ित किसान मजदूर असहनीय पीड़ा का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पीड़ा को भगवान भी नहीं सह सकता. उन्होंने कहा कि बीजेपी भगवान को भी जातियों में बांटने का काम कर रही है वह घोर जातिवादी पार्टी हैं. बीजेपी धार्मिक उन्माद की पार्टी है जिससे पूरे देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है. अखिलेश ने बताया कि बीजेपी उद्योग पतियों की पार्टी है. बीजेपी धर्म की आड़ में देश का विनाश कर रही है. उन्होंने बताया कि यह गठबंधन केवल चुनावी गठबंधन नहीं है बल्कि अत्याचार के अंत का संदेश है. उन्होंने कहा कि मैंने इस गठबंधन का मन उसी दिन बना लिया था जिस दिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं के द्वारा सुश्री मायावती जी पर अशोभनीय टिप्पणी की गई और टिप्पणी करने वाले कार्यकर्ताओं का पद देकर सम्मान किया गया. इस गठबंधन के लिए दो कदम पीछे हटने को तैयार होने के बाद की. अखिलेश ने अपने सभी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया कि यदि सुश्री मायावती जी पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी होती है तो वह है अखिलेश पर टिप्पणी समझी जाए मायावती का अपमान अखिलेश का अपमान होगा. दोनों पार्टियों का सुख और दुख में समान हिस्सेदारी होगी. उन्होंने कहा कि इस गठबंधन से अत्याचारी शासन का विनाश निश्चित है. उन्होंने स्पष्ट किया कि एक बार फिर भारत का प्रधान मंत्री उत्तर प्रदेश से होगा. मायावती ने स्पष्ट किया कि यह गठबंधन मात्र 2019 का गठबंधन नहीं है बल्कि एक स्थाई और आगामी विधानसभा चुनाव का गठबंधन है. मायावती जी किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी और किस पार्टी को किस लोकसभा सीट किस पार्टी को दिया जाएगा और उसका उम्मीदवार कौन होगा इसकी सूचना शीघ्र ही प्रेस के माध्यम से दी जाएगी.

 

        बीएसपी तथा बहुजन समाजवादी पार्टी का यह गठबंधन राजनीतिक गलियारे में भूचाल पैदा कर दिया है. इस वर्ष होने वाले लोकसभा लोकसभा चुनाव मैं यह गठबंधन कितना असर दिखाएगा यह तो अभी भविष्य के गर्त में है लेकिन यह स्पष्ट हो चुका है कि इस गठबंधन से अन्य दलों में एक राजनीतिक संदेश गया है जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि 2019 का लोकसभा का चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है.janvadtimes.blogspot.com




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