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तीन तलाक का राजनीतिकरण

                    तीन   तलाक का राजनीतिकरण तीन तलाक का मुद्दा भारत में संसद से लेकर सड़क तक इस समय जोरों पर है. भारतीय जनता पार्टी तीन तलाक को सख्त कानून के रूप में देखना चाहती है. विशेषज्ञों का मानना है कि तीन तलाक भारत में नहीं बल्कि विश्व में जेंडर जस्टिस के खिलाफ है. महिलाओं को भी पुरुषों के समान वह सारे संवैधानिक अधिकार होना चाहिए जो पुरुषों को प्राप्त है. भारत एक पुरुष प्रधान देश है जिसमें प्रत्येक भर के द्वारा स्त्री को पितृसत्ता की अधीनता स्वीकार करनी होती है. सामान्य रूप से भारतीय संविधान में सभी पुरुष और स्त्री को समानता का अधिकार प्राप्त है ले ,धर्म की आड़ में चाहे हिंदू महिलाएं हो मुस्लिम महिलाएं हो किसी न किसी रूप में स्त्री को उसके इस अधिकारों से वंचित रखा जाता है. आज भारत में तीन तलाक का मुद्दा जोरों पर है विशेषज्ञों का मानना है कि एक साथ तीन बार तलाक तलाक तलाक कहना और स्त्री से संबंध विच्छेद होना पड़ता है गलत है. तीन तलाक जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर इस्लाम और शरियत में एक निश्चित मानदंड को अपनाया गया है. भारती जनता पार्टी की सरकार एक साथ तीन बार तलाक तलाक कहने को असं